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भारत प्रकृति की पूजा करने वाला सांस्कृतिक देश है :- डॉ राजेन्द्र सिंह जी अंतरराष्ट्रीय जलपुरुष  —

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भारत प्रकृति की पूजा करने वाला सांस्कृतिक देश है :- डॉ राजेन्द्र सिंह जी अंतरराष्ट्रीय जलपुरुष 


5 दिसंबर2024 को स्वराज विमर्श यात्रा बधवाना गांव, चरखी दादरी, हरियाणा पहुंची। यहां ग्रामीण विकास मंडल की ओर से राज्य स्तरीय कार्यशाला का आयोजन किया गया। कार्यशाला के शुभारंभ करते हुए जलपुरुष श्री Waterman Rajendra Singh जी ने कहा कि, भारत प्रकृति की पूजा करने वाला सांस्कृतिक देश है। हम पंचभूतों को अपना भगवान मानने वाले लोग हैं। ऐसे में प्रकृति संरक्षण नहीं श्रद्धा का विषय है। इन पांच तत्वों में जल सर्वाधिक भक्ति तत्व है। लेकिन दुर्भाग्य से पानी को संयुक्त राष्ट्र संघ ने पर्यावरण का हिस्सा ही नहीं माना। हम सब यह स्वीकार करते हैं कि, पानी के बिना प्राणी के अस्तित्व की कल्पना भी नहीं कर सकते।

हरियाणा के पूर्व विशेष मुख्य सचिव डा. सुनील गुलाटी ने कहा कि इस आयोजन का महत्व इसलिए भी है कि सामाजिक संस्थाएं हमारे लोकतंत्र का पांचवां स्तंभ हैं। आदमी के हित और उनकी भागेदारी केवल गैर सरकारी संगठनों द्वारा ही सुनिश्चित कर सकते हैं। उन्होंने सरकारी योजनाओं को व्यावहारिक बनाने के लिए गैर सरकारी संगठनों की सहभागिता बढ़ाने पर जोर दिया।

ग्रामीण विकास मंडल अध्यक्ष राजेंद्र ने कहा कि आज भी बड़ी संख्या में लोग धरती माता, प्रकृति और समाज को सुरक्षित रखनेके लिए स्वेच्छा से आगे आ रहे न हैं। विश्व युवक केंद्र की प्रोग्राम आफिसर मुक्ता भारद्वाज ने कार्यक्रम स की रूपरेखा प्रस्तुत की।

श्री उमाशंकर पांडे ने कहा कि बचपन से ही बुंदेलखंड में पानी का गहरा संकट देखा है। उसी परिस्थिति में पले बढ़े होने के कारण पानी की परंपरागत पद्धति को जिंदा रखने का अभ्यास शुरू किया। खेती करते हुए जल बचाने की तकनीक को आगे बढ़ाया। दुनिया का कोई विज्ञान पानी नहीं बना सकता लेकिन पानी बचाने का काम हर व्यक्ति सहज रूप से कर सकता है।

कार्यक्रम में मंडल उपाध्यक्षक हरीश चंद्र, गुरुग्राम से एमपी शर्मा, सिरसा से बलदेवराज, इब्राहम खान, जगदीश चौधरी, कुरुक्षेत्र से राजकुमार गौड़, जीतन कोमल आदि उपस्थित रहे।

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गोदावरी शुक्राचार्य

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