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सेनहोजे नदी यात्रा स्थान- सेनहोजेसीतो, अपार्टाडो कोलंबिया, दक्षिण अमेरिका

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सेनहोजे नदी यात्रा

स्थान- सेनहोजेसीतो, अपार्टाडो कोलंबिया, दक्षिण अमेरिका

10 नवंबर 2024 को सेनहोजेसीतो, अपार्टाडो कोलंबिया, दक्षिण अमेरिका में जलपुरुष राजेंद्र सिंह जी के नेतृत्व में शांति समुदाय (कौमूनी दाद दे पाज), सेनहोजेसीतो से सेनहोजे नदी के उद्गम स्थल तक यात्रा की गई। जिसमें दुनिया भर से आए हुए अलग-अलग देशों के लोगों व समुदाय के सदस्यों ने भाग लिया। यह यात्रा 4 घंटे की घुड़ सवारी व कई घंटों तक पैदल यात्रा करके, सेनहोजे नदी के उद्गम स्थल पर पहुंची।
यात्रा के अनुभव साझा करते हुए जलपुरुष जी ने बताया कि, यह बहुत ही घना-गहरा हरा जंगल है। इतना गहरा-हरा जंगल पहले कभी नहीं देखा। जंगलों के ऊपर बादल, पहाड़ियां और पहाड़ों के अंदर से निकलती हुई जलधारा देखकर, मन आनंदित हो गया। यह बहुत ही सुंदर जंगल है। कहीं-कहीं तो इतना गहरा जंगल है कि, पशु अंदर तक नहीं जा सकती और कुछ जगह संतरे का बाग और दूसरे पेड़ है, जो बहुत आकर्षित लगते है।
इस यात्रा के दौरान पता चला कि, यहां कार्बोनोहोश नाम की एक बड़ी अंतरराष्ट्रीय कंपनी खनन (माइंनिग) करने जा रही है। जिसके कारण यह सारा जंगल, उसके क्षेत्र में चला जाएगा।

जब जलपुरुष ने समुदाय के लोगों से पूछा कि, यहां खनन करने का क्या मतलब है, यह तो गहरा घना जंगल है। आने-जाने के लिए कोई रास्ता नहीं है। तब इन्होंने बताया कि, यह कंपनी जंगल में बसे सभी गांवों को उजाड़ना चाहती हैं।

जलपुरुष ने कहा कि, यह जंगल तो हमारे भारत के जंगलों से बहुत पुराना और गहरा दिखता है। भारत में जो नो-गो एरिया में कोई खनन या आदमी तब को जाने की इजाजत नहीं है। यहां खदान देना सरकार की मंशा को जानना पड़ेगा क्योंकि यह जैव विविधता के हिसाब से अंतराष्ट्रीय जगह है। ऐसी महत्वपूर्ण जगहों को (खनन)माइनिंग के लिए देना, कदाचित उचित नहीं है। यह जगह सुरक्षित रखनी होगी।

यात्रा के बाद शांति समुदाय के लोगों ने कहा कि, हमने पिछले 27 सालों में बहुत मेहनत से 60 हेक्टेयर जंगल सुरक्षित कर रखा है उसे राजेंद्र सिंह एग्रो कल्चर सेंटर के नाम से जाना जायेगा। इसका यहां बोर्ड लगाया गया। इसके देर रात 12 घंटे की यात्रा करने के बाद शांति समुदाय (कौमूनी दाद दे पाज), सेनहोजेसीतो पहुंची।

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गोदावरी शुक्राचार्य

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