कोलंबिया के कोगी और अरहुआका समुदाय के आध्यत्मिक गुरूओं ने जलपुरुष राजेन्द्र सिंह जी को अपने समुदाय का सदस्य बनाया।
पुएब्लो बेलो, कोलंबिया अमेरिका
कोलंबिया के कोगी और अरहुआका समुदाय के आध्यत्मिक गुरूओं ने जलपुरुष राजेन्द्र सिंह जी को अपने समुदाय का सदस्य बनाया।
पुएब्लो बेलो, कोलंबिया अमेरिका
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24 नवंबर 2024 को पुएब्लो बेलो, कोलंबिया यात्रा के अखिरी दिन तीर्थ बचाओ जुड़ाव घोषण पत्र पर चर्चा हुई और सभी की सहमति ली गई। इस दौरान यहां के मेयर, तीर्थ बचाओ जुड़ाव के साथी, जलपुरुष राजेन्द्र सिंह जी, इन्द्रशेखर सिंह, कोगी और अरहुआका समुदाय के सदस्य और आध्यत्मिक गुरू मामू मौजूद रहे। इन्हानें सर्व सम्मति से घोषणा पत्र को पारित किया।
यहां अरहुआका समुदाय के अध्यात्मिक गुरु मामू ने जलपुरुष राजेंद्र सिंह जी को विशेष सम्मान के रूप में पारंपरिक वस्त्रों को भेट किया। मामू ने जलपुरुष राजेन्द्र सिंह जी को अपनी प्राचीन परंपरा और सभ्यतओं के बारे में बताया और चित्रों को दिखाया। मामू ने कहा कि, हमने जैव विविधता को बचाए रखने के लिए बड़ी लम्बी लड़ाइयां लड़ी है। जैव विविधता से हम विश्व में शांति ला सकते है। भारत और कोलंबिया के पास मौजूद परंपरिक ज्ञान से दुनिया की जैव विवधत्ता को बचाने का संदेश दे सकते है।
यहां शाम को एक समारोह आयोजित किया गया। जिसमें अरहुआका समुदाय के मामू ने जलपुरुष राजेंद्र सिंह को अपने समुदाय हिस्सा माना और उन्हें नाम ‘जैसईमक्कू’ नाम दिया। इन्होनें कहा कि, अब से राजेन्द्र सिंह हमारे परिवार के सदस्य है। जब भी राजेंद्र सिंह जी यहां आएंगे, वो इसी नाम से जाने जायेंगे। यह हमारी विरासत हमेशा के लिए बन गए हैं।
यहां कोगी समुदाय के 90 वर्षीय मामू ने कहा कि, हम भी इन्हें कोगी समुदाय का हिस्सा बनाना चाहते है। पूरा समुदाय इन्हे “लुईनमक्कू” नाम से जानेगा। हमारी विरासत की सूची में यह नाम तब तक रहेगा, जब तक पृथ्वी रहेगी। हम इन्हें यहां पाकर गौरान्वित और आनंदित है। हमने राजेन्द्र सिंह से दुनिया को बचाने के कई गुण सीखे है। हम भारतीयों के पारंपरिक आध्यात्मिक ज्ञान का सम्मान करते है।
जलपुरुष राजेंद्र सिंह ने कोगी समुदाय और अरहुआका समुदाय के आध्यत्मिक गुरू मामू को वस्त्र भेंट करके धन्यवाद दिया। इन्होनें कहा कि, यहां हमे पंचमहाभूतों, जैवविविधता, विश्व शांति अध्यात्मिक, सांस्कृतिक ज्ञान मिला है, इस धरोहर को हमेशा अपने जीवन में संजो कर रखेंगे। कोगी समुदाय और अरहुआका समुदाय विश्व शांति के लिए अद्भुत कार्य कर रहा है, जिसके लिए यह पृथ्वी इनकी ऋणी रहेगी।
यहां जलपुरुष राजेन्द्र सिंह जी ने विश्व तीर्थ बचाओ जुड़ाव के बारे में कहा कि, यह विश्व के तीर्थों को बचाने का जुड़ाव है। इस जुड़ाव में कोई एक व्यक्ति नेता नहीं है, बल्कि सभी अपनी-अपनी योग्यता, दक्षता व समर्पण के अनुरूप इसमें योगदान दे रहे है। यह जुड़ाव पूरी दुनिया की हिंसा को अहिंसा में बदलने का प्रयास कर रहा है। दुनिया में प्रेम का बीज बोकर मानवता के प्रति सम्मान, निष्ठा, विष्वास, श्रद्धा ,आस्था और प्रकृति के प्रति भक्ति भाव पैदा करके ,प्रकृति ही सर्वोपरि मान्यता प्रदान करना है। इसलिए हम सब प्रकृति को भगवान मानने वाले एक जुट होकर, विश्व शांति के लिए काम कर रहे है। सभी को अंतर्मन से धन्यवाद। इसके बाद विश्व शांति कार्यक्रम संपन्न हुआ और सभी देर रात यात्रा करके पुएब्लो बेलो से चलकर बगोटा और बागोटा से मेडेजिन पहुंचेगी, जहां के राजनेता और आध्यात्मिक गुरूओ से जलपुरुष राजेन्द्र सिंह जी मुलाकात करेंगे।